अजिंक्य रहाणे ने आगामी घरेलू सत्र से पहले मुंबई की रणजी ट्रॉफ़ी की कप्तानी छोड़ दी है। उन्होंने मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन (MCA) को सूचित किया है कि वह बतौर बल्लेबाज़ खेलना जारी रखना चाहते हैं। रहाणे का मानना है कि "यह एक नए लीडर को तैयार करने का सही समय है।"
उन्होंने एक सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, "मुंबई टीम की कप्तानी करना और चैंपियनशिप जीतना मेरे लिए बेहद सम्मान की बात है। आगे एक नया घरेलू सीज़न है, और मेरा मानना है कि एक नए लीडर को तैयार करने का यह सही समय है। लिहाज़ा मैंने कप्तानी की भूमिका जारी न रखने का फ़ैसला किया है। मैं एक खिलाड़ी के रूप में अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हूं और MCA के साथ अपनी यात्रा जारी रखूंगा ताकि हमें और अधिक ट्रॉफ़ी जीतने में मदद मिल सके। सीज़न का इंतज़ार है।"
37 वर्षीय रहाणे ज़्यादातर समय लाल गेंद वाली टीम के प्रभारी रहे हैं और उन्होंने मुंबई को 2023-24 में 42वां रणजी ट्रॉफ़ी ख़िताब दिलाकर नौ साल के सूखे को तोड़ने में मदद की थी।
हालांकि पिछले दो सालों में लाल गेंद से उनका प्रदर्शन कुछ ख़ास नहीं रहा है (कुल 27 पारियों में 467 रन, सिर्फ़ एक शतक), लेकिन छोटे प्रारूपों में उनका प्रदर्शन काफ़ी अच्छा रहा है। पिछले साल दिसंबर में सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफ़ी में, श्रेयस अय्यर की कप्तानी में उन्होंने सर्वाधिक 469 रन बनाए थे और मुंबई को ख़िताब जिताने में अहम भूमिका निभाई थी, रहाणे को प्लेयर ऑफ़ द टूर्नामेंट भी चुना गया था।
कप्तान के तौर पर रहाणे हाल ही में IPL 2025 में कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) के कप्तान थे, जिसके लिए उन्होंने 147.27 के स्ट्राइक रेट से 14 पारियों में सर्वाधिक 390 रन बनाए थे। उनकी कप्तानी में KKR पांच जीत और दो मैच बारिश की भेंट चढ़ने के साथ आठवें स्थान पर रही थी।
जुलाई में रहाणे ने इस खेल के लिए और लाल गेंद वाले क्रिकेट के लिए अपनी "भूख और जुनून" को दोहराया था और कहा था कि आगामी घरेलू सत्र के लिए प्रशिक्षण शुरू करने के लिए लंदन में छुट्टियां मनाते समय वे अपने साथ ट्रेनर और क्रिकेट गियर भी ले गए थे।
स्काई स्पोर्ट्स को दिए एक इंटरव्यू में रहाणे ने नासिर हुसैन और माइकल अथर्टन से कहा था, "मैं अब भी टेस्ट क्रिकेट खेलना चाहता हूं। मैं टेस्ट क्रिकेट खेलने को लेकर बहुत जुनूनी हूं। मैं इस समय अपने क्रिकेट का आनंद ले रहा हूं। सच कहूं तो, मैंने चयनकर्ताओं से बात करने की कोशिश भी की लेकिन एक खिलाड़ी के तौर पर [ऐसी चीज़ें] मैं नियंत्रित नहीं कर सकता। मुझे कोई जवाब नहीं मिला।एक खिलाड़ी के तौर पर मैं बस क्रिकेट खेलता रह सकता हूं, खेल का आनंद लेता रह सकता हूं और हर बार अपना सर्वश्रेष्ठ दे सकता हूं। मुझे टेस्ट क्रिकेट खेलना पसंद है, लाल गेंद से खेलना पसंद है, यह मेरा जुनून है। खेल के प्रति प्यार मुझे आगे बढ़ाता है।"
फ़िलहाल मुंबई चेन्नई में बुची बाबू आमंत्रण टूर्नामेंट में अपने प्री-सीज़न की तैयारी में व्यस्त है, जिसमें 18 वर्षीय आयुष म्हात्रे की अगुवाई वाली एक युवा टीम खेल रही है। हाल ही में मुंबई के ऑलराउंडर शार्दुल ठाकुर दलीप ट्रॉफी के लिए वेस्ट ज़ोन का कप्तान बनाया गया था। यह देखना दिलचस्प होगा कि अब क्या चयनकर्ता उन्हें रणजी टीम की कप्तानी भी देते हैं या नहीं।